UPI Payment System: आजकल हर कोई डिजिटल पेमेंट का सहारा लेता है कोई भी अपने साथ Cash नहीं रखता. डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लेनदेन करना बहुत आसान हो चुका है. छोटे से ठेले से लेकर बड़े से बड़े मॉल में आप डिजिटल माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं. यदि आप भी UPI के माध्यम से लेनदेन करते हैं तो यह खबर आपके लिए अहम होने वाली है. सरकार यूपीआई भुगतान प्रणाली (UPI payment system update) के लिए जरूरी बेसिक ढांचे के वित्तपोषण और इसकी फाइनेंसियल व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के लेनदेन पर 0.3 फीसदी एकसमान डिजिटल भुगतान सर्विस टैक्स लगाने के बारे में सोच सकती है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)-बंबई ने एक Study में यह परामर्श साझा किया है.
5000 करोड़ रुपये इकट्ठा कर सकती है सरकार
‘चार्जेस फॉर पीपीआई बेस्ड यूपीआई पेमेंट्स- द डिसेप्शन’ शीर्षक से प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि 0.3 फीसदी सुविधा शुल्क से 2023-24 में लगभग 5,000 करोड़ रुपये एकत्रित किए जा सकते हैं.
दुकानदारों को मिलने वाले भुगतान पर नहीं होगा कोई टैक्स
मोबाइल वॉलेट के जरीये होने वाले पेमेंट पर विनिमय शुल्क लगाने के भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के निर्णय के प्रभावों का Analysis करने वाले अध्ययन में कहा गया है कि दुकानदारों को मिलने वाले पेमेंट पर कोई शुल्क नहीं लगना चाहिए, चाहे वह सीधे यूपीआई के जरिये आए या प्रीपेड ई-वॉलेट से आए.
एक अप्रैल से कटेगा चार्ज
NPCI ने दुकानदारों को यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने पर एक अप्रैल, 2023 से भुगतान राशि का 1.1 फीसदी का ‘इंटरचार्ज’ शुल्क लेने का प्रावधान शुरू किया है. यह प्रीपेड वॉलेट आधारित यूपीआई लेनदेन के लिए प्रभावी होगा.
अपने अनुसार कानून की व्याख्या करने का प्रयास
फिलहाल जो नियम है उसके अंतर्गत बैंक या यूपीआई का Use करने वाला कोई प्रदाता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने या प्राप्त करने वाले आदमी पर टैक्स नहीं लगा सकता. परंतु कई अवसर ऐसे होते हैं जिन पर बैंक और प्रणाली प्रदाताओं ने यूपीआई कानून को अपनी सुविधा अनुसार Explain करने की कोशिश की है.