SBI Bank :- देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने लॉकर पॉलिसी थोड़ा चेंज किया है. यदि आप भी एसबीआई के उपभोक्ता हैं तो आपको इस बारे में जरूर पता होना चाहिए. SBI ने अपने टि्वटर हैंडल से यह जानकारी साझा की है. दरअसल एसबीआई ने अपने लॉकर पॉलिसी को लेकर कुछ बदला है. आइए आपको इस बारे में जानकारी देते हैं.
31 दिसंबर तक सभी ग्राहकों को कॉन्टेक्ट पर करने होंगे साइन
रिजर्व बैंक (RBI) के नए लॉकर नियम के अनुसार बैंक ने अपने ग्राहकों को उनके पास की ब्रांच में जाकर नए लॉकर कॉन्ट्रैक्ट को Sign करना होगा. SBI ने ट्विटर पर लिखा कि SBI के सभी लॉकर ग्राहक, जहां उनका लॉकर है उन्हें वहां जाकर नए लॉकर कॉन्ट्रैक्ट्स पर हस्ताक्षर करने होंगे. RBI की तरफ से जो निर्देश दिए गए हैं उसके अनुसार सभी बैंकों को 30 जून तक 50 प्रतिशत लॉकर धारक से नए कॉन्ट्रैक्ट्स पर दस्तखत करवाना अनिवार्य है. वहीं 30 सितंबर तक 75 फीसदी और 31 दिसंबर तक 100 फीसदी लॉकर ग्राहकों से कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करवाने होंगे.
सरकार ने नया नियम जारी किया
SBI अपने लॉकर के आकार और जगह के अनुसार लॉकर का चार्ज तय करता है. एसबीआई की तरफ से उसके छोटे और मध्यम साइज के लॉकर का चार्ज जीएसटी के साथ 500 रुपये का है और बड़े लॉकर का Registration Charge और जीएसटी मिलाकर 1000 रुपए है. SBI अपने लॉकर का Charge शहर और लॉकर के साइज के आधार पर Set करता है.
इस प्रकार देना होता है चार्ज
छोटे शहर या ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एसबीआई छोटे लॉकर का चार्ज 1,500 रुपये और साथ में जीएसटी होता है व मीडियम साइज के लॉकर के लिए 3,000 रुपये और जीएसटी तथा बड़े आकार के लॉकर के लिए 6,000 रुपये और जीएसटी चार्ज चुकाना होता है. यदि उपभोगता मेट्रो शहर से संबंधित हैं तो एसबीआई के छोटे लॉकर के लिए 2,000 रुपये और जीएसटी देना होता है वहीं मीडियम साइज के लॉकर के लिए 4,000 रुपये और जीएसटी देना होता है. वहीं मेट्रो शहरों में बड़े आकार के लॉकर के लिए बैंक 8,000 रुपये और जीएसटी चार्ज लेता है.