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Mudra Yojana: अब बिज़नेस करने के लिए सरकार देगी पैसा, गरीबों की हुई बल्ले बल्ले

Mudra Yojana:- सरकार की तरफ से ऐसे लोग जो सूक्ष्म लघु और मध्यम स्तर के उद्योग लगाना चाहते हैं उन्हें कुछ विशेष योजनाओं के तहत लाभ प्रदान किया जाता है. सूक्ष्म, लघु व मध्यम स्तर के उद्योगों (MSME) को बिना कुछ गिरवी रखे सरल शर्तों पर ऋण देने वाली मुद्रा योजना के तहत आठ साल में 40 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया गया है. इस योजना में 23.2 लाख करोड़ रुपये का लॉन उपलब्ध करवाया गया है.

68 फ़ीसदी ऋण अकाउंट महिलाओं के नाम

इसके लाभार्थियों में आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग शामिल है. आपको बता दें कि 68 फीसदी ऋण अकाउंट महिलाओं के खुले हुए हैं. एमएसएमई के अर्थव्यवस्था को शक्तिशाली बनाने और जमीनी तौर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध करने के लक्ष्य से इस योजना की शुरूआत की गई थी. शुरू की गई इस ऋण योजना के माध्यम से डायरेक्ट तथा इनडायरेक्ट रूप से 1.12 करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए है.

कुल लाभार्थियों में से आठ करोड़ लोग पहली पीढ़ी के उद्यमी 

 योजना के कुल लाभार्थियों में से आठ करोड़ (21 फीसदी) पहली पीढ़ी के व्यवसायी ये वे लोग हैं, जों कारोबारी या व्यावसायिक बैकग्राउंड से नहीं है. इस योजना में शिशु ऋणों के त्वरित पुनर्भुगतान पर इंटरेस्ट में 2% की छूट प्रदान की जाती है. योजना के तहत व्यवसाय की मैच्योरिटी कंडीशन के आधार पर शिशु, किशोर व तरुण श्रेणियों में लोन मुहैया करवाया जाता है. शिशु श्रेणी में 50,000 रुपये, किशोर श्रेणी में 5 लाख रुपये तक और तरुण श्रेणी में 10 लाख रुपये तक के ऋण उपलब्ध करवाए जाते है. 

भारतीयों का जीवन सवारने में बड़ा रोल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इस योजना को भारतीयों के लिए अपना उद्यमिता कौशल दिखाने का माध्य्म बताया. आगे बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि , प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने अनफंडेड की फंडिंग कर असंख्य भारतीयों के लिए सम्मान के साथ-साथ समृद्धि का जीवन सुनिश्चित करने में अहम रोल निभाया है. आज, मुद्रा योजना के आठ साल पूर्ण होने पर उन सभी लोगों के उद्यमशीलता और उत्साह को सलाम है, जिन्हें इसका लाभ मिला तथा जों धन उत्पन्न कर पाए.

भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने में योजना बनी गेम चेंजर 

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई इस योजना से एमएसएमई के विकास ने मेक इन इंडिया में बड़ा योगदान दिया है, क्योंकि मजबूत घरेलू एमएसएमई के बलबूते घरेलू बाजारों के साथ-साथ एक्सपोर्ट में भी वृद्धि हुई है.  भारतीय इकोनॉमी को और ऊपर उठाने तथा रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के हिसाब से यह गेम चेंजर बनी.  वित्त मंत्रालय के अनुसार योजना का लक्ष्य पूरा हो चुका है. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा, पीएमएमवाई का उद्देश्य एमएसएमई को औपचारिक अर्थव्यवस्था का भाग बनाना और छोटे कारोबारियों को साहूकारों के स्वामीतव से बाहर निकालना है. उन्होंने बताया कि योजना के तीन प्रमुख आधार हैं. पहला, जिन्हें बैंकिंग सुविधाएं नहीं मिल रही उन्हें बैंकिंग सुविधा पहुंचाना.  दूसरा, असुरक्षित को सेफ करना और तीसरा वित्त से वंचितों को वित्त उपलब्ध करवाना.

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