EPS 95 Pension: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले अधिकांश कर्मचारियों को लगता है कि सरकार सरकारी कर्मचारियों को जो पेंशन देती थी उससे बेहतरीन कुछ नहीं है. रिटायर हो चुके सरकारी कर्मचारियों को अपने जीवन से संबंधित कोई समस्या नहीं है. जब तक वे जीते हैं उन्हें पेंशन दी जाती है उसके बाद उनकी पत्नी को पेंशन मिलती है और पत्नी के भी न रहने की स्थिति में बच्चों को भी फायदा दिया जाता है.
1995 में बदला गया योजना का नाम
EPS 95 के तहत भी जो पेंशन बनेगी, वह भी कुछ ऐसी ही पेंशन है. वे कर्मचारी, जिनका अकाउंट निधि संगठन (EPFO) में है वे इस पेंशन स्कीम में इनरॉल हो सकते हैं. ऐसा करने के लिए एक शर्त यह है कि उनका खाता 2014 से पहले का होना चाहिए. ईपीएफओ इस खाते में न केवल भविष्य के लिए आपके पैसों को जोड़कर रखता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन की सुविधा भी प्रदान करता है. कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) इसी प्रकार की योजना है जहां प्राइवेट कर्मचारियों को भी पेंशन की सेफ्टी मुहैया करवाई जाती है. ईपीएफओ ने साल 1995 में इस योजना को और अट्रैक्टिव बनाया था तथा इसका नाम चेंज करके EPS-95 कर दिया.
कर्मचारियों को मिलता है गारंटीड पेंशन का लाभ
EPS-95 ऐसी पेंशन योजना है, जिसमें ईपीएफओ कर्मचारी के साथ उसके पूरे परिवार को पेंशन की सुविधा प्रदान करता है. इस योजनाको Select करने वालों को और भी कई तरह की सुविधाएं मिलती है. लगभग 75 लाख पेंशनर्स अभी EPS-95 योजना का लाभ ले रहे हैं. इसके अलावा ईपीएफओ के साथ करीब 6 करोड़ सब्सक्राइबर भी Connected हैं, जिन्हें हाल में EPS-95 योजना सेलेक्ट करने का ऑप्शन प्रदान किया गया है. यह योजना रिटायरमेंट के मिनिमम और गारंटीड पेंशन की सुविधा प्रदान करता है . इस योजना का चुनाव करने वाले कर्मचारी यदि कम से कम 10 साल नौकरी करते हैं और 58 साल की उम्र में रिटायर होते हैं तो उन्हें गारंटीड पेंशन का लाभ दिया जाता है.
पेंशनधारक की मौत पर पत्नी और बच्चों को मिलती है पेंशन
हर माह कम से कम हजार रुपए पेंशन तो मिलेगी ही. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को पूरी जिंदगी इस पेंशन का लाभ दिया जाएगा. यदि पेंशन होल्डर को कुछ आ जाता है तो उसकी पत्नी को इसका आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा. इतना ही नहीं अगर पति-पत्नी दोनों ही नहीं रहते तो उनके बच्चों को पेंशन मिलेगी. योजना के तहत 2 बच्चों को 25 साल की उम्र तक पेंशन का फायदा दिया जाता है. यह मूल पेंशन का 25 फीसदी है. यदि कोई बेरोजगार हो गया है तो उसे 50 साल की उम्र से ही पेंशन मिलने लगेगी. इसके अलावा सर्विस के दौरान यदि एम्प्लॉयी स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाता है तो भी उसे निशक्त पेंशन का लाभ दिया जाएगा . इसका लाभ पाने के लिए 10 साल की सर्विस पूरी होने की शर्त भी नहीं है.